Monday 21 September 2020

Order order Judge's Sentence

आर्डर आर्डर

न्यायधीश का दंड🌳

Order, order 

Judge's Sentence

There was a fifteen year old boy in America, caught stealing from the store. On trying to escape from the hold of the guard, a shelf of the store was also broken.

The Judge heard the crime and asked the boy, 

"Did you really steal a packet of bread and cheese"?



The boy responded by looking down. :- Yes.

Judge: - 'Why?

Boy: - I needed.

Judge: - 'Would have bought.

Boy: - 'There was no money.'

Judge: - Take it from the family. 

Boy: - 'There is only mother in the house. Sick and unemployed, Brad and Cheese were also stolen from the same 

Judge: - You don't do anything?


Boy: - Used to wash a car. When I had a day off to take care of my mother, I was fired.


Judge: - Would you ask someone for help?


Boy: - Had left the house since morning, went to about fifty people, took this step at the very end.


The cross-examination ended, the judge began to pronounce the verdict, Theft and Feeling Brad's theft is a shameful crime and we are all responsible for this crime. 'Every person in the court, including me, is a perpetrator, so every person present here is fined ten dollars. No one can get out of here without giving ten dollars. '


Saying this, the judge took ten dollars out of his pocket and then picked up the pen and started writing:- In addition, I find the store a thousand dollars for handing over a hungry child to the police. Did. 

If the penalty is not deposited within 24 hours, the court will order to sell the store. 

By giving the full amount of fine to this boy, the court asks for forgiveness from that boy. 

After hearing the verdict, tears were pouring from the eyes of the people present in the court, that boy's hiccups were also tied. The boy watched the judge again and again, who came out hiding his tears. 

Is our society, systems and courts ready for such a decision? 




Chanakya has said that if a hungry person is caught stealing bread, then the people of that country should be ashamed 



Blessed are the people who were welcoming the decision of Judge... 


😍😍😍Blessed with such a Judge... 💐💐💐🙏🙏 


This Creation is very Sweet, Hope it will Touched You too.





👉🏽अमेरिका में एक पंद्रह साल का लड़का था, स्टोर से चोरी करता हुआ पकड़ा गया। पकड़े जाने पर गार्ड की गिरफ्त से भागने की कोशिश में स्टोर का एक शेल्फ भी टूट गया। 

जज ने जुर्म सुना और लड़के से पूछा, "तुमने क्या सचमुच कुछ चुराया था ब्रैड और पनीर का पैकेट"? 

लड़के ने नीचे नज़रें कर के जवाब दिया। ;- हाँ'।

जज,:- 'क्यों ?'

लड़का,:- मुझे ज़रूरत थी।

जज:- 'खरीद लेते।

लड़का:- 'पैसे नहीं थे।'

जज:- घर वालों से ले लेते।' लड़का:- 'घर में सिर्फ मां है। बीमार और बेरोज़गार है, ब्रैड और पनीर भी उसी के लिए चुराई थी 

जज:- तुम कुछ काम नहीं करते ?

लड़का:- करता था एक कार वाश में। मां की देखभाल के लिए एक दिन की छुट्टी की थी, तो मुझे निकाल दिया गया।'

जज:- तुम किसी से मदद मांग लेते?

लड़का:- सुबह से घर से निकला था, तकरीबन पचास लोगों के पास गया, बिल्कुल आख़िर में ये क़दम उठाया।

जिरह ख़त्म हुई, जज ने फैसला सुनाना शुरू किया, चोरी और ख़ुसूसन ब्रैड की चोरी बहुत शर्मनाक जुर्म है और इस जुर्म के हम सब ज़िम्मेदार हैं।  'अदालत में मौजूद हर शख़्स मुझ सहित  सब मुजरिम हैं, इसलिए यहाँ मौजूद हर शख़्स पर दस-दस डालर का जुर्माना लगाया जाता है। दस डालर दिए बग़ैर कोई भी यहां से बाहर नहीं निकल सकेगा।'

ये कह कर जज ने दस डालर अपनी जेब से बाहर निकाल कर रख दिए और फिर पेन उठाया लिखना शुरू किया:- इसके अलावा मैं स्टोर पर एक हज़ार डालर का जुर्माना करता हूं कि उसने एक भूखे बच्चे से ग़ैर इंसानी सुलूक करते हुए पुलिस के हवाले किया। 

अगर चौबीस घंटे में जुर्माना जमा नहीं किया तो कोर्ट स्टोर सील करने का हुक्म दे देगी।'

जुर्माने की पूर्ण राशि इस लड़के को देकर कोर्ट उस लड़के से माफी तलब करती है।

फैसला सुनने के बाद कोर्ट में मौजूद लोगों के आंखों से आंसू तो बरस ही रहे थे, उस लड़के के भी हिचकियां बंध गईं। वह लड़का बार बार जज को देख रहा था जो अपने आंसू छिपाते हुए बाहर निकल गये।

क्या हमारा समाज, सिस्टम और अदालत इस तरह के निर्णय के लिए तैयार हैं?

चाणक्य ने कहा है कि यदि कोई भूखा व्यक्ति रोटी चोरी करता पकड़ा जाए तो उस देश के लोगों को शर्म आनी चाहिए

😍😍😍 धन्य हैं ऐसा जज...💐💐💐🙏🙏

🙏धन्य हैं ले लोग जो जजसाहब के निर्णय का स्वागत कर रहे थे...

😢😢😢😢😢😢😢😢

*यह रचना बहुत ही प्यारी है दिल को छू गयी, आप भी पढ़ें। 


 हार्दिक आभार👏👏

🙏🙏



1 comment:

  1. Monday, 21 September 2020
    Order order Judge's Sentence, THIS IS REAL STORY ?

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