स्टेटबैंक की कहानी :*
Story of State Bank of India : *
Story of Statebank: *
Not necessarily
Donation should be done for atonement of sins.
State Bank Account
Too freely
Atonement can be made ..
If it is a small sin
Go to find the balance.
It is learned that after hitting the four counters
Balance Gupta will tell Madam.
What is Gupta Madam's counter,
To find out
Then one has to go to the counter.
Level one was completed. That means Gupta Madam
The counter is detected. But we have to wait a little bit because
Madam is not in the seat yet.
After half an hour put on glasses,
Handles the pallu,
Gupta Madam running at 2G speed of Uninor
On the seat
She sits.
You madam
Balance is asked by giving account number.
Ma'am
First of all
You look like this,
like
You his
Have demanded daughter's hand. you too
Like your little
Make it
Like a tsunami has devastated you,
And to date
older than you
No one is helpless unhappy.
Gupta Madam
your
There is a pity for some, and
She makes up her mind to do heavy work like telling balance. but
How can Abla alone do so much work?
So Madam calls for help ~
"Mishra ji sss, how do we find this balance?"
Mr. Mishra,
Abla ki
Hearing shouted
Ours
Of knowledge
We open the treasure.
First, go inside the account and click on the closing balance
After doing so, the balance used to come. But still system
Changed. Now you
press f5,
And inter kill
Balance will show .. "
Gupta Madam
Fixes glasses,
Three times towards the monitor and three times on the keyboard
Looks
Then fingers on the keyboard
It turns out, as if a third class boy is looking for the smallest country in the world map, Muscat.
Madam again to Mishra
Call for help ~
"Mr. Mishra,
Where is this f5 .. ?? "
Probably due to Madam's age above fifty.
Mr. Mishra
Do not bother to come and help.
So
Sitting there
Speak loudly ~
In the board of
Look at the top, Madam .. "
"But above all
Only three lights are on .. "
"Yes under those lights.
Is a long line
from f1 to f12 .. "
Final,
Madam gets f5. Madam quickly presses the button. Half an hour on the monitor
Sandhgadi, (Some people call it Damru)
Keeps maintained.
In the end
A message arrives
"Session expired. Please check your connection .."
Madam lays down her arms.
One look your
On the face of poverty
Pours and says ~
"Sorry, the server has a problem."
Tone of say
Exactly the same
Happens like
Doctors come out of the theater in old films
Used to say ~
"Sorry, we tried a lot
But to Thakur sir
Could not save ... "
(The ultimate joy of this story will be enjoyed only by the victims.)
स्टेटबैंक की कहानी :*
ज़रूरी नहीं कि
पापों के प्रायश्चित के लिए दान पुण्य ही किया जाए।
स्टेट बैंक में खाता
खुलवा कर भी
प्रायश्चित किया जा सकता है..
छोटा मोटा पाप हो, तो
बैलेंस पता करने चले जाएँ।
चार काउन्टर पर धक्के खाने के बात पता चलता है, कि
बैलेंस गुप्ता मैडम बताएगी।
गुप्ता मैडम का काउन्टर कौन सा है,
ये पता करने के लिए
फिर किसी काउन्टर पर जाना पड़ता है।
लेवल वन कम्प्लीट हुआ। यानी गुप्ता मैडम का
काउन्टर पता चल गया है। लेकिन थोड़ा वेट करना पड़ेगा, क्योंकि
मैडम अभी सीट पर नहीं है।
आधे घंटे बाद चश्मा लगाए,
पल्लू संभालती हुई,
युनिनोर की 2G स्पीड से चलती हुई गुप्ता मैडम
सीट पर
विराजमान हो जाती है।
आप मैडम को
खाता नंबर देकर बैलेंस पूछते है।
मैडम
पहले तो
आपको इस तरह घूरती है,
जैसे
आपने उसकी
बेटी का हाथ मांग लिया है। आप भी
अपना थोबड़ा ऐसे
बना लेते है
जैसे सुनामी में आपका सब कुछ उजड़ गया है,
और आज की तारीख में
आपसे बड़ा
लाचार दुखी कोई नहीं है।
गुप्ता मैडम को
आपके
थोबड़े पर तरस आ जाता है, और
बैलेंस बताने जैसा भारी काम करने का मन बना लेती है। लेकिन
इतना भारी काम, अकेली अबला कैसे कर सकती है?
तो मैडम सहायता के लिए आवाज लगाती है~
"मिश्रा जीsss, ये बैलेंस कैसे पता करते है?"
मिश्राजी,
अबला की
करुण पुकार सुनकर
अपने
ज्ञान का
ख़ज़ाना खोल देते है।
पहले तो खाते के अंदर जाकर क्लोजिंग बैलेंस पर क्लिक
करने पर बैलेंस आ जाता था। लेकिन अभी सिस्टम
चैंज हो गया है। अभी आप
f5 दबाएँ,
और इंटर मार दे, तो
बैलेंस दिखा देगा.."
गुप्ता मैडम
चश्मा ठीक करती है,
तीन बार मॉनिटर की तरफ और तीन बार की-बोर्ड की तरफ़
नजर मारती है।
फिर उंगलियाँ की-बोर्ड पर
ऐसे फिराती है, जैसे कोई तीसरी क्लास का लड़का वर्ल्ड मैप में सबसे छोटा देश मस्कट ढूंढ रहा हो.
मैडम फिर मिश्रा जी को
मदद के लिए पुकारती है~
"मिश्रा जी,
ये f5 किधर है..??"
शायद मैडम की उम्र पचास से ऊपर होने के कारण.
मिश्रा जी
पास आकर मदद करने की ज़हमत नहीं उठाते।
इसलिए
वहीँ बैठे बैठे
जोर से बोलते है~
की बोर्ड में
सबसे ऊपर देखिये मैडम.."
"लेकिन सबसे ऊपर तो
सिर्फ़ तीन बत्तियां जल रही है.."
"हां उन बत्तियों के नीचे है।
लम्बी लाइन है
f1 से लेकर f12 तक.."
फ़ायनली,
मैडम को f5 मिल जाता है। मैडम झट से बटन दबा देती है। मॉनिटर पर आधे घंटे तक
रेतघड़ी, (कुछ लोग उसे डमरू कहते हैं)
बनी रहती है।
अंत में
एक मैसेज आता है~
"Session expired. Please check your connection.."
मैडम अपने हथियार डाल देती है।
एक नजर, आपके
ग़रीबी-लाचारी से पुते चेहरे पर
डालती है और कहती है~
"सॉरी, सर्वर में प्रोब्लम है.."
कहने का टोन
ठीक वैसा ही
होता है, जैसे
पुरानी फिल्मों में डॉक्टर ओपरेशन थियेटर से बाहर आ कर
कहता था~
"सॉरी, हमने बहुत कोशिश की
पर ठाकुर साहब को
नहीं बचा पाए..."
🤪👍
(इस सत्यकथा का परम आनन्द, केवल भुक्तभोगी ही उठा पाएंगे.)
No comments:
Post a Comment