Sunday, 4 August 2019

R.I.P Coffee King of India

उधोगपति सिद्धार्थ की आत्महत्या : चिंतन 

R.I.P Coffee King of India.

उधोगपति सिद्धार्थ की आत्महत्या : चिंतन

सीसीडी ( कैफे काफी डे ) के सीईओ ने आत्महत्या कर लिया है , पुलिस छानबीन कर रही शायद ही जीवित हों , मंगलुरु में पुल से ड्राइवर को कार रोकने को कह के कूद गए

 अपने एम्प्लाईज को लेटर लिख कहा है

सारी गलतियों का जिम्मेदार मैं हूँ !

भारत की सबसे बड़ी बदनसीबी ये है , कि हम एक पूंजीपति होने का रिस्क , उस मानसिक तनाव , उस स्थिति को आज तक नही समझ सके हैं

इसलिए भिखमंगे हैं !

हमारी बहुंसख्यक आबादी अमीरों से नफरत करती है क्योंकि इनके पास पैसा नही है ,

ये भूल जाते हैं कि 100 लोगो के स्टाफ की भी कंपनी चलाना मामूली काम नही होता ,

खून पसीना एक करना पड़ता है , बैठे बिठाए सब्सिडी पर पलने वाली जनता ये भूल जाती है कि उसकी सब्सिडी भी कारपोरेट टैक्स से आती है

तुम तो अपनी कमाई का टैक्स LIC की पॉलिसी लेकर बचा लेते हो !

जब तक भारत का सामान्य वर्ग और राजनैतिक पार्टियाँ Tycoon को देश लूटने वाला बताएंगी तब तक दूसरा Tycoon पैदा नही होगा

हाँ 10 नक्सली जरूर पैदा हो जाएंगे !

निठल्लों की फौज दिन भर फेसबुक पर पूंजीपतियों को गाली देती है , जबकि फेसबुक खुद एक पूंजीपति का है !

जलो नही अपने में दम पैदा करो और लायक बनो की तुम भी ऑडी से चल सको !

Tycoon तो एक लाख लोगों को सीधे रोजगार देता है और दसियों लाख को अप्रत्यक्ष रूप से

रहता है वो बिलियन डॉलर के मकान में तुमको क्यों दे अपना घर ?

तुमने अपने घर की एक इंच कभी अपने से गरीब को दी ?

नक्सली जिस हथियार से अपनी माटी और जंगल लेने आते हैं वो हथियार भी किसी पूंजीपति के कारखाने का होता है !

सामान्य वर्ग कहता है कि अमीरों ने सिस्टम खरीद लिए हैं , इनके समाने सब बिक जाते हैं , गरीब न्याय नही पा सकता

एक बात बताओ , थाने में SI हो या सिपाही ये तो सामान्य परिवार से होते हैं , क्यों बिक जाते हो कुछ रुपयों के लिए ?

तुम बिकाऊ हो इसलिए अमीर बरी हो जाता है , कितने ही गुंडों को लोकसभा और विधानसभा तुम गरीबों ने ही वोट देकर भेजा

क्यों ?
क्योंकि अपने क्षेत्र की हुकूमत रहेगी , दबदबा रहेगा !

इन्ही लोगो के परिवार के लोग किसी टाटा किसी बिरला किसी Tycoon की कंपनी में दो रोटी कमाते हैं

और लड़का फेसबुक पर पूंजीवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ,

रूस हो या कम्युनिस्टों का बाप चीन सब साले पूंजीवादी हो चले हैं, पर भारत मे इन्हें क्रांति चाहिए !

अच्छे बुरे ठग हर जगह हैं , पर इसका मतलब ये नही है कि उस प्रोफ़ेसन को ही इतनी लानत भेजो की अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार लो ,


खुद पूंजीपति की संस्था में काम करते हो और गरीबो को बेवकूफ बनाते हो

बन्द करो ये गन्दा धंधा !

पूंजीपति होना साहसिक है सम्मानित है !

" Fought for a long time , but today I gave up ,
I am responsible for my failed business model "

VG Siddharth
CCD founder

सीसीडी मेरा पसंदीदा काफ़ी डेस्टिनेशन है और हमेशा रहेगा !



You have not failed Siddharth , you gave Indians what they never deserved , an international magzine and wooden sofa with warm cappuccino will always be my favourite place !



The Cost of Success

This morning, of the 31st of July 2019, the dead body of celebrated entrepreneur and tech investor, VG Siddhartha, was found in Netravati River in Karnataka.

VG Siddhartha had all the check boxes that have been described for one to be successful in life and business.

He was diversified - his Billion Dollar empire spread over coffee production, cafe chains and IT.
He knew scaling - 2100+ stores of his brand Cafe Coffee Day is witness to this.
He was humble - was known to accompany his friends to the elevator after a meeting with them.
He was focussed - shied away from interviews and spent time ‘doing’ rather than ’showing’
He was a family man - He has two sons and regularly attended family functions.

And yet, in his words, he failed.

Some are blaming the business environment, some the tax authorities and others have their own theories. However, what cannot be ignored is that this seemingly massively successful man had a storm stirring behind his calm demeanour.

What can we learn for this?

If you are an entrepreneur, know that you are contributing directly and indirectly to the lives of people and never be sorry for failure. You started off with good intention but sometimes things can and will be a bumpy ride. Recall the dark times that you have surpassed and emerged in the light and no matter how dismal it may seem, you will recover. You chose this path and you have the power, will and capacity to own it till the end.

If you are the family or friend of the entrepreneur, please support them. They may not show it but they are insecure due to the unpredictability of the future of their venture. They many not be earning enough revenue, debt might be mounting or salaries are due, however, if they have your mental support, they can sail through this. Don’t let their smile fool you, they are sales men. Dig deeper, and understand them.

If you are a person, please be a good one. Even after VG Siddhartha is gone, people are coming together to talk, not about his business or wealth or success, but about how good of a person he was and how he made them feel.

R.I.P Coffee King of India. You made us all proud.

#VGSiddhartha
#CCD

उधोगपति सिद्धार्थ की आत्महत्या : चिंतन

————— Shivendra Shukla

सीसीडी ( कैफे काफी डे ) के सीईओ ने आत्महत्या कर लिया है , पुलिस छानबीन कर रही शायद ही जीवित हों , मंगलुरु में पुल से ड्राइवर को कार रोकने को कह के कूद गए

 अपने एम्प्लाईज को लेटर लिख कहा है

सारी गलतियों का जिम्मेदार मैं हूँ !

भारत की सबसे बड़ी बदनसीबी ये है , कि हम एक पूंजीपति होने का रिस्क , उस मानसिक तनाव , उस स्थिति को आज तक नही समझ सके हैं

इसलिए भिखमंगे हैं !

हमारी बहुंसख्यक आबादी अमीरों से नफरत करती है क्योंकि इनके पास पैसा नही है ,

ये भूल जाते हैं कि 100 लोगो के स्टाफ की भी कंपनी चलाना मामूली काम नही होता ,

खून पसीना एक करना पड़ता है , बैठे बिठाए सब्सिडी पर पलने वाली जनता ये भूल जाती है कि उसकी सब्सिडी भी कारपोरेट टैक्स से आती है

तुम तो अपनी कमाई का टैक्स LIC की पॉलिसी लेकर बचा लेते हो !

जब तक भारत का सामान्य वर्ग और राजनैतिक पार्टियाँ Tycoon को देश लूटने वाला बताएंगी तब तक दूसरा Tycoon पैदा नही होगा

हाँ 10 नक्सली जरूर पैदा हो जाएंगे !

निठल्लों की फौज दिन भर फेसबुक पर पूंजीपतियों को गाली देती है , जबकि फेसबुक खुद एक पूंजीपति का है !

जलो नही अपने में दम पैदा करो और लायक बनो की तुम भी ऑडी से चल सको !

Tycoon तो एक लाख लोगों को सीधे रोजगार देता है और दसियों लाख को अप्रत्यक्ष रूप से

रहता है वो बिलियन डॉलर के मकान में तुमको क्यों दे अपना घर ?
तुमने अपने घर की एक इंच कभी अपने से गरीब को दी ?

नक्सली जिस हथियार से अपनी माटी और जंगल लेने आते हैं वो हथियार भी किसी पूंजीपति के कारखाने का होता है !

सामान्य वर्ग कहता है कि अमीरों ने सिस्टम खरीद लिए हैं , इनके समाने सब बिक जाते हैं , गरीब न्याय नही पा सकता

एक बात बताओ , थाने में SI हो या सिपाही ये तो सामान्य परिवार से होते हैं , क्यों बिक जाते हो कुछ रुपयों के लिए ?

तुम बिकाऊ हो इसलिए अमीर बरी हो जाता है , कितने ही गुंडों को लोकसभा और विधानसभा तुम गरीबों ने ही वोट देकर भेजा

क्यों ?
क्योंकि अपने क्षेत्र की हुकूमत रहेगी , दबदबा रहेगा !

इन्ही लोगो के परिवार के लोग किसी टाटा किसी बिरला किसी Tycoon की कंपनी में दो रोटी कमाते हैं

और लड़का फेसबुक पर पूंजीवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ,

रूस हो या कम्युनिस्टों का बाप चीन सब साले पूंजीवादी हो चले हैं, पर भारत मे इन्हें क्रांति चाहिए !

अच्छे बुरे ठग हर जगह हैं , पर इसका मतलब ये नही है कि उस प्रोफ़ेसन को ही इतनी लानत भेजो की अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार लो ,


खुद पूंजीपति की संस्था में काम करते हो और गरीबो को बेवकूफ बनाते हो

बन्द करो ये गन्दा धंधा !

पूंजीपति होना साहसिक है सम्मानित है !

" Fought for a long time , 
but today I  Gave Up ,
I am Responsible for my Failed Business Model "

#VGSiddhartha
#CCD

VG Siddharth
CCD founder

सीसीडी मेरा पसंदीदा काफ़ी डेस्टिनेशन है और हमेशा रहेगा !



You have not failed Siddharth ,
you gave Indians what they never deserved ,
an international magzine and wooden sofa with warm cappuccino
will always be my favourite place !



The Cost of Success

This morning, of the 31st of July 2019, the dead body of celebrated entrepreneur and tech investor, VG Siddhartha, was found in Netravati River in Karnataka.


VG Siddhartha had all the check boxes that have been described for one to be successful in life and business.



He was diversified - his Billion Dollar empire spread over coffee production, cafe chains and IT.


He knew scaling - 2100+ stores of his brand Cafe Coffee Day is witness to this.
He was humble - was known to accompany his friends to the elevator after a meeting with them.
He was focussed - shied away from interviews and spent time ‘doing’ rather than ’showing’
He was a family man - He has two sons and regularly attended family functions.

And yet, in his words, he failed.

Some are blaming the business environment, some the tax authorities and others have their own theories. However, what cannot be ignored is that this seemingly massively successful man had a storm stirring behind his calm demeanour.

What can we learn for this?

If you are an entrepreneur, know that you are contributing directly and indirectly to the lives of people and never be sorry for failure. You started off with good intention but sometimes things can and will be a bumpy ride. Recall the dark times that you have surpassed and emerged in the light and no matter how dismal it may seem, you will recover. You chose this path and you have the power, will and capacity to own it till the end.

If you are the family or friend of the entrepreneur, please support them. They may not show it but they are insecure due to the unpredictability of the future of their venture. They many not be earning enough revenue, debt might be mounting or salaries are due, however, if they have your mental support, they can sail through this. Don’t let their smile fool you, they are sales men. Dig deeper, and understand them.

If you are a person, please be a good one. Even after VG Siddhartha is gone, people are coming together to talk, not about his business or wealth or success, but about how good of a person he was and how he made them feel.


R.I.P Coffee King of India.

You made us all proud.



#VGSiddhartha
#CCD

" Fought for a long time , 
but today I  Gave Up ,
I am Responsible for my Failed Business Model "

#VGSiddhartha
#CCD








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